Mastodon
My page - topic 1, topic 2, topic 3

🅿𝔬𝔰𝔱𝔟𝔬𝔵 ℑ𝔫𝔡𝔦𝔞

Also Visit for Trending News & Article  Postbox Live

INDIANewsPostbox Hindi

Ravish Kumar ‘s Point – प्रधानमंत्री राज्यमंत्री विस्तार परियोजना

1 Mins read

Ravish Kumar ‘s Point – प्रधानमंत्री राज्यमंत्री विस्तार परियोजना

 

Ravish Kumar ‘s Point

 

 

 

9/7/2021,

यह एक सूत्र वाक्य है जिसमें पूरे मंत्रिमंडल विस्तार की कथा समाहित है। जो भी जहां से दिखा, राज्य मंत्री विस्तार योजना में शामिल कर लिया गया।

तभी तो 36 नए मंत्री बने हैं जिनमें से ज़्यादातर राज्य मंत्री बनाए गए हैं। कुछ पुराने राज्य मंत्रियों को बर्ख़ास्त कर दिया गया है।

राज्य मंत्रियों की संख्या के कारण ही मोदी मंत्रिमंडल के सदस्यों की संख्या 54 से बढ़ कर 78 होती है।

इसलिए मै इसे प्रधानमंत्री राज्यमंत्री विस्तार योजना कह रहा हूँ। मोदी दौर में पहली बार मंत्रिमंडल का आकार इतना बड़ा बना है

जो किसी मज़बूत प्रधानमंत्री का कम मजबूर प्रधानमंत्री का ज़्यादा लगता है।

मजबूरी इस अर्थ में कि मार्च, अप्रैल और मई के महीने में लाखों भारतीयों की मौत जिस तरह से हुई है उसके कई कारण सरकार की वजह से भी हैं।

इसके कारण दुनिया भर में भारत की छवि अच्छी नहीं रही। प्रधानमंत्री मोदी के बारे में हर बड़े अख़बार में लिखा गया कि ये झूठ बोलते हैं।

जनता को मरने की हालत पर छोड़ चुनाव में व्यस्त रहते हैं। फ्रांस में रफाल की जांच और ब्राज़ील में कोवैक्सीन

विवाद के कारण दुनिया भर में भारत की छवि को धक्का पहुंचा है और अब प्रधानमंत्री मोदी को एक उभरते हुए

नए निरंकुशवादी नेता के रुप में देखा जा रहा है। स्टैन स्वामी के निधन के कारण और भी इसे मज़बूती मिली है।

आप याद करें कि विदेशों में छवि बनाने में प्रधानमंत्री मोदी ने कितने पैसे फूंक दिए और भारतीय दूतावासों को योगा सेंटर में बदल दिया।

इस संदर्भ में मंत्रीमंडल के विस्तार को देखिए तो लगेगा कि झटका देने की कोशिश के बाद भी यह कोई बड़ा झटका नहीं है।

चुनावी और जाति समीकरण को सेट करने के लिए राज्य मंत्री बनाने की कवायद है।

इसलिए मैंने आज के विस्तार को प्रधानमंत्री राज्यमंत्री विस्तार परियोजना कहा है । ( Ravish Kumar‘s Point )

राज्य मंत्रियों को अभी तक चुनावी राज्यों के दौरों पर बूथ प्रबंधन के काम और अनाप-शनाप बयान देते हुए देखा गया था।

किसी ने आज तक इस बात का मूल्यांकन नहीं किया कि मोदी दौर में राज्य मंत्री मंत्रालय में कितने दिन रहते हैं और चुनाव क्षेत्र

में प्रबंधन हेतु मंत्रालय के बाहर कितने दिन रहते हैं। आज थोक मात्रा में राज्य मंत्रियों के शपथ लेने को बड़ी रणनीति के रुप में पेश किया जा रहा है।

अभी तक राज्य मंत्रियों का काम मंत्री बनने के बाद अपने-अपने राज्यों के अख़बारों में छपने और अपनी जाति के समीकरण को सेट करने का ही रहा है।

आप आज बर्ख़ास्त किए गए राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो के ट्वीट से देख सकते हैं। हालांकि उन्होंने प्रधानमंत्री को मौका देने के लिए

धन्यवाद तो दिया है लेकिन उन्होंने यह भी लिखा है कि बंगाल चुनाव में अपने इलाके में पार्टी के गढ़ को संभाले रहे।

यह भी ताना मार दिया है कि इतने दिन मंत्री रहा और मुझे गर्व है कि भ्रष्टाचार के किसी दाग़ के बग़ैर बाहर आए हैं।

बाबुल सुप्रियो भोले सजन हैं। उन्हें नहीं पता है कि सरकार को फंसाने के लिए भ्रष्टाचार की ज़रूरत नहीं है।

अगर उन्हें इतना यकीन है तो एक बार पार्टी बदल लें। ED से लेकर CBI तक पांच मिनट में साबित कर देंगे

कि बाबुल सुप्रियो से करप्ट कोई नहीं और गोदी मीडिया दस मिनट में यह फैसला भी सुना देगा।

खैर कहने का मतलब है कि बाबुल सुप्रियो का ट्वीट बता रहा है कि राज्य मंत्री किस लिए बनाए जाते हैं।

पिछले कई दिनों से बिना किसी पुख़्ता सूचना के मंत्रिमंडल के विस्तार की कथा को मीडिया में चलाया जा रहा था।

ख़बर खड़ी करने के लिए चंद नाम बताए जा रहे थे लेकिन जब विस्तार की सूचना आई तो थोक के भाव में लोग मंत्री बनाए गए।

मेरा मतलब राज्य मंत्री बनाए गए। इसमें से भी कई नाम ग़लत चल रहे थे। जैसे वरुण गांधी का मंत्री बनाया जाना।

किसी ख़बर में इसका संकेत तक नहीं था कि रविशंकर प्रसाद हटाए जा रहे हैं। एक कबीना मंत्री जो पिछले

कई दिनों से ट्विटर जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में एक मैनेजर रखवाने के लिए संघर्ष कर रहा था, हर दिन ट्वीटर को धमका रहा था,

उस कबीना मंत्री का बर्ख़ास्त किया जाना अच्छा नहीं है। दुनिया की नज़रों में ऐसा लगेगा कि मंत्री जी कंपनी में मैनेजर रखवा रहे थे,

कंपनी ने मंत्री जी को ही हटवा दिया। रविशंकर प्रसाद को हटाया जाना दुखद है। उनके बिना राहुल गांधी की आलोचना सुनसान हो जाएगी।

लेकिन ट्विटर से लड़ने के कारण रविशंकर प्रसाद को इनाम मिलना चाहिए था ताकि अमरीका तक को संदेश

जाता कि मोदी के मंत्री किसी से डरते नहीं है। कोविड के दौर में अदालतों के मुखर होने की वजह से तो नहीं हटाए गए ?

ये रविशंकर प्रसाद ही बता सकते हैं और वे ED के दौर में दूसरे दल में जाने की हिम्मत भी नहीं करेंगे।

उसी तरह डॉ हर्षवर्धन का हटाया जाना उन सवालों की पुष्टि करता है कि वे एक नकारा स्वास्थ्य मंत्री थे और

सरकार ने कोरोना से लड़ने की कोई तैयारी नहीं की थी। तैयारी की होती तो न लाखों लोग मरते और न ही स्वास्थ्य मंत्री को हटाना पड़ता।

ये अलग बात है कि मई महीने में मैंने स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा था कि इस्तीफा दे दें। उसमें यह भी लिखा था कि

प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सचिव को भी बर्खास्त करें। इतने लोगों का नरसंहार हुआ है, कोविड प्रबंधन से जुड़े किसी को

अभी तक जेल नहीं हुई न मुकदमा चला है यह केवल भारत में हो सकता है। कई बड़े देशों में बकायदा जांच हो रही है।

संसद की कमेटी सुनवाई कर रही है जिसका सीधा प्रसारण हो रहा है।

सरकार हर मोर्चे पर फेल है। ( Ravish Kumar‘s Point ) आप युवाओं से शिक्षा को लेकर पूछ लीजिए।

सवाल है कि जिस मंत्री के निर्देशन में नई शिक्षा नीति लांच हुई उसे ही हटा कर सरकार क्या संदेश देना चाहती है?

रमेश पोखरियाल निशंक के भाषणों को अगर प्रधानमंत्री मोदी आधे घंटे बैठ कर सुन कर दिखा दें तो मैं मान जाऊं।

निशंक को लेकर मैंने दो चार प्राइम टाइम किए हैं जिनमें उनके भाषणों को सम्मान पूर्वक दिखाया था ताकि

भारत की जनता जान ले कि उनके बच्चों की शिक्षा का प्रभारी मंत्री किस तरह शिक्षा से वंचित हैं।

उसे विश्वविद्यालय की नहीं, स्कूल की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने इन्हें बना कर भी ठीक नहीं किया था और हटा कर भी कोई महान काम नहीं किया है।

यह सत्य है और तथ्य है कि सात साल के उनके कार्यकाल में शिक्षा की हालत बदतर हुई है।

मेरी बात से भड़क जाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री को पता है कि मैं सही बात कर रहा हूं।

तभी तो मेरे इस्तीफा मांगने के बाद डॉ हर्षवर्धन हटाए गए और निशंक पर किए गए प्राइम टाइम से आंखें खुली होंगी।

मेरे पास प्रमाण नहीं है लेकिन दोनों का हटाए जाने का संयोग यही कहता है। जब बिना सूचना के

मंत्रिमंडल के विस्तार पर घंटों डिबेट हो सकते हैं तो मैं तो केवल संयोग की बात कर रहा हूं। बाकी दोनों मंत्रियों के बारे में मेरी राय तो सही ही है।

देश की अर्थव्यवस्था चौपट हो चुकी है। यह भी प्रधानमंत्री जानते हैं। वित्त मंत्री बदल नहीं सकते क्योंकि बाज़ार को ग़लत संकेत जाएगा।

आपको जानकर हैरानी होगी कि इसी 12 जून को कई अखबारों में ख़बर छपी कि वित्त मंत्रालय ने

सरकार के मंत्रालयों से कहा है कि अपने ख़र्चे में 20 प्रतिशत तक की कटौती करें। जो सरकार एक महीना पहले

मंत्रालयों के ख़र्चे कम करने को कह रही हो वही सरकार झोला भर-भर कर राज्य मंत्री बनाने लग जाए तो मैसेज समझ नहीं आता है।

मंत्रियों की संख्या 54 से 78 करने का तुक समझ नहीं आता है। आने वाले पांच राज्यों में कितने राज्य मंत्रियों की ड्यूटी लगेगी।

फिलहाल यह विस्तार प्रधानमंत्री राज्यमंत्री विस्तार योजना से कुछ नहीं है। मंत्रियों के आने और जाने से सरकार का काम नहीं बदलता है।

नेतृत्व अपनी नाकामी से बचने के लिए यह सब करता रहता है। बाकी आप जानें और आपकी नियति जाने।

मेरी राय में ( Ravish Kumar‘s Point ) आई टी सेल जो कहे वही मानते रहिए।

 

 

Also Visit : https://www.postboxindia.com

Also Visit : https://www.postboxlive.com

Subscribe and be a part of the movement to make wisdom go viral :

https://www.youtube.com/channel/UCto0

Subscribe our YouTube Channel :

https://www.youtube.com/channel/UCto0

Postbox India Under rule 18 of the Information Technology (Intermediary Guidelines and Digital Media Ethics Code) Rules, 2021.

Ministry of Information & Broadcasting, Government of India. Postbox India is a News, Advertisement & Content Development Company.

Postbox India & Postbox live web Portal’s is Postbox India’s Leading Online Platform which is a best when it comes to Editorial, Blogs, Advertisement,

News Online. We Provide the best Authentic, Most Relevant Blogs and News for viewers who Always wants to read News Around the World.

Postbox India Services in to Media Sector, Government, Financial, Investment, Business Corporate Industry for News, Multimedia Content, National-International Advertising Products.

Website : https://www.postboxindia.com

Website : https://www.postboxlive.com

Facebook : https://www.facebook.com/indiapostbox

Instagram : http://www.Instagram.com/indiapostbox

LinkedIn : https://www.linkedin.com/in/postboxindia

Tumbler : https://postboxindia.tumblr.com/

Twitter : https://twitter.com/IndiaPostbox

Telegram : t.me/postboxindia

Leave a Reply

error: Content is protected !!